फिर बरसात आ गई है, फिर गरीब के आँगन का चूल्हा बुझ गया है. फिर बरसात आ गई है, फिर तुम्हारी यादो का दिया जल गया है. गरीब सोचता होगा, ना जाने बरसात कब जाएगी मैं सोचता हूँ, ना जाने तुम कब आओगी